शनिवार, 20 फ़रवरी 2010

हां तुम तो सदा जीवित हो मुझमे .
नाराज हो भले खुश हां तुम सदा मुझमे ज़िंदा हो मेरे साथ हो हां
बड़ा सुकून है आत्मा को
मन करता है बड़ के पेड़ की छाव मै सो जाऊ
शांत सदा के लिए तुम्हे अपनी आत्मा मै बसाये

गुरुवार, 18 फ़रवरी 2010

ज्योतिष और ज्योतिषी
क्या है ज्योतिष ?सबकी अपनी परिभाषाये हैं | मै कोई बहुत बड़ी हस्ती हूँनहीं  की तर्क करने लगू|
लेकिन मेरी नजर मै आज का ज्योतिष सिर्फ बाजार और कमाई तक ही सिमित रह गया है ,आप कही भी चले जाओ आप ने जहा भी अपनी कोई बात रखी उसके समाधान मै आप को कोई जाप या कोई रत्न या फिर पूजा या किसी तरह का कोई विशेष दान बता दिया जाएगा |
सही है ना ,आप को बड़ा अजीब लगेगा लेकिन १९९० से लेकर आज तक मै जितने भी लोगो से मिली हूँ उसमे से मुजको आज तक कोई ऐसा नहीं मिला जिसने ये क़हा हो की अमुक घटना, इस दिन, इस पल, इस षण तुम्हारे जीवन मै होगी |
और कई बड़े ज्ञानी भी मिले जिनके सामने दक्षिणा रखना चाहि तो क़हा गया ,की इस मदिर की दान पेटी मै डाल देना ,या किसी गरीब को भोजन करवा देना |
आज कल टीवी मै रोज सुबह तो ज्योतिषियों से ही होती है |मै ये समझ नहीं पा रही हम जितना पड़ते जारहे है हमारा दिमाग विकसित होता जा रहा है तो ,हम इतने ज्योतिषी गामी क्यों होते जारहे है ?
ज्योतिष एक मनोविज्ञान है की आप ऐसा करगे तो आप के साथ ये ठीक हो जाएगा | आप को कोई कहे तो आप करते है नहीं आप नहीं करते |
बाकायदा आप अपने दफ्तर से समय निकाल कर मदिर जायेगे |क्या ये ठीक है की कोई आप को कहे तो आप करेगे ?
नहीं ना ,तो फिर अपने जीवन को वेसा बिना ज्योतिषियों के बनाइये जिसा सुखद आप चाहते है |
जानना नहीं चाहेगे केसे ?
  1. सुबह कोशिश करे की आप जल्दी उठे |और सबसे पहले अपने दोनों हाथो की हथेलियों को आपस मै रगड़ कर अपने नेत्रों पर लगाए ,ऐसा आप तीन बार जरुर करे |<इससे आप अपने कर्मप्रधान हाथो मै बसे सभी देवताओं को नमन करेगे >
  2. आप के घर मै अगर कोई बड़ा,बुदा इंसान या माता ,पिता साथ हो तो उनका चरण स्पर्श करे ,और अपने बच्चो  कोभी सिखाये |
  3. आप जिस किसी धर्म  को मानते हो अपने गुरु का नाम सुबह मन से लेते रहे .साथ मै अपना काम भी चलते रहने दे |
  4. घर मै कम से कम किचन का सुबह सुबह झाड़ू जरुर लगाए ,बाकी आप बाई के लिए छोड़ दे |
  5. अगर आप सुबह की चाय बनाने के लिए गेस ओन करके चाय बना रही है तो दो छीटे अग्नि देव के नाम से जरुर अग्नि को समर्पित करे |
ऐसी कई छोटी बात है जिनसे ज्योतिषियों का खर्चा आप जरुर बचा सकेगे और स्वस्थ और सुखी रहेगे |

बुधवार, 17 फ़रवरी 2010

वो जो है मेरी जिन्दगी





वो जो है मेरी जिन्दगी
अपने अश्कों को छुपा कर मुस्कुरा लेती है ,
वो मुझको तसल्ली दे कर बहला लेती है |
बड़ जाता है दर्द जब हद से ज्यादा ,
वो अपने लबो पे नगमे सजा लेती है |
खो ना जाऊ मै कही दुनिया की भीड़ मै
वो मुझको अपनी जुल्फों मै छुपा लेती है |
यूँ सरे आम मिलने से हो ना जाये कही रुसवाई ,
वो चुपके से करके इशारा मुझे सपनो मै बुला लेती है |
दुनिया मै हर इंसान भगवान की दुहाई देता है पर क्या किसी ने देखा है उस भगवान को ?
 नहीं ना दर्द की अनुभति ही किसी के साथ होने का एहसास कराती है ,और हम कह उठते है ये हर बार मेरे साथ ही क्यों होता है भगवान ,याने हम हर पल किसी ना किसी शक्ति को अपने साथ होने पर भी सिर्फ दुःख मै उसकी सत्यता को स्वीकार करते है |
तो क्या आप ने नहीं देखा कभी भगवान को ?
एक दिन अचानक नेट पर कुछ पद ही रही थी किसी का कोई लेख ,एक कमेन्ट लिखा  था ,लाइफ का पहला नेट कमेन्ट जिसने जीवन की दशा ही बदल दी |
मुझको अचानक एक फरिश्ता आ मिला ,ये जान कर लगता है आज भी इस संसार मै राम का वास है ,हां भगवान हमारे साथ ही यही इसी दुनिया मै हर पल साथ रहते है ,बस हम पहचान नहीं पाते और राम हमसे मिलकर भी चले जाते है  |
मै धन्य हूँ की मेरे राम मेरी आत्मा मै मेरे साथ है |
इसीलिए कहती हूँ अपने गुरु अपने राम को आप भी ढूंड निकालिए .पहचानिए कही आप के राम आप के आस पास तो नहीं !
पूछे लोग गुरु बिना क्या मिले ज्ञान ?
कहू कैसे आप को श्रीमान पहले गुरु बना ले किसो को ,फिर मान अपना उद्धार .
ना होता ऐसा कुछ तो राम करते ना अहिल्या उद्धार ,ना होता एकलव्य महान|

शुक्रवार, 5 फ़रवरी 2010

जीवन के हर मोड़ पे यूँ ही चले आना तुम मुझको थामने मेरे राम
कभी खुली हवा सी बहती हूँ मै ,तो कभी अपने को हजारो बेडियो मै बंधा पाती हूँ|
सोचती हूँ तोड़ सारी बेडियो को मै ,निकल जाउ  अनजान किसी डगर पे
पर अहसानों के तले दबा है जीवन ना जाने कितने तुम्हारे राम|
हर पल अंधड़ सा बह रहा है तन मन मै जीवन तुम्हारे नाम से
मोह ,प्यास ,बैर ,प्रीति सब कुछ दूर जारहा इस आत्मा से
भीड़ से शून्य की और क्यों बह रहा जीवन तुम ही बता दो राम
सोचती हूँ कही कायर तो नहीं ?
फिर क्यों आत्मा खीच रही विरानो को .]
जीवन के हर मोड़ पे मुक्ति का मार्ग बताने यु ही चले आना मेरे राम |

तेरी तलाश

निकला था तेरी तलाश में भटकता ही रहा हुआ जो सामना एक दिन आईने से , पता चला तू तो ,कूचा ए दिल में कब से बस रहा ................