शुक्रवार, 16 जुलाई 2010

आँख -मिचोली


पलकों पे  सपने सजाता हैं जीवन ,
तुम्हारे आने से गाता है जीवन .

 खामोशियों से जब तुम मेरे करीब आक
 निकल जाते हो , 
मै तुम्हारी उसी खुशबू  में महक जाती हूँ .

 किसी पौधे  में पानी डालते -डालते 
जब गुनगुना रहे होते हो ,
 वहीं बहती  हवा बनकर झूम रही होती हूँ मै,

और तुम जब महसूस करने लगते हो मुझे,
एक लहर बन कर उड़ जाती हूँ मै |


-- अनुभूति 
                          

तेरी तलाश

निकला था तेरी तलाश में भटकता ही रहा हुआ जो सामना एक दिन आईने से , पता चला तू तो ,कूचा ए दिल में कब से बस रहा ................