तुमसे ओ जोड़ी ,तुमसे ओ जोड़ी ,तुमसे ओ जोड़ी
साँची प्रीत तुमसे जोड़ी ,
तुमसे ओ जोड़ी ,और संग तोड़ी !
एक अद्भुत भजन मेरे कन्हा का
मेरे जीवन का पसंदीदा भजन
अनुभूति
निकला था तेरी तलाश में भटकता ही रहा हुआ जो सामना एक दिन आईने से , पता चला तू तो ,कूचा ए दिल में कब से बस रहा ................
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