प्रिये
हमेशा
ये खुबसूरत ख्वाब,
पूरा होने से पहले ही,
क्यों अपनी आँखे खोल लेती हो तुम ,
मुझे हकीकत बनकर,
दिल की दहलीज़ तक आने से,
पहले ही
क्यों रोक देती हो तुम ?.
क्यों तुम्हे यकीन नहीं
कि ये खूबसूरत ख्वाब तुम्हारा ही है ,
इस ख्वाब को तुम्हारा होने के लिए.
क्या - क्या परीक्षाएं देनी होगी |
प्रिये
कभी तो अपनी किस्मत पे भी यकीन करो,
ये हंसी ख्वाब तुम्हारा है ,
और सदा तुम्हरा ही रहेगा,
बस तुम्हारा |