बुधवार, 24 अगस्त 2011

यही कहती हैं जिन्दगी पुकार के


एक खुबसूरत गीत
में जिन्दगी का साथ निभाता चला गया
सत्य का सामना हँस में करू यही कहती हैं जिन्दगी पुकार के
कुछ मिला ,कुछ खोया
जेसे दिन जिए उधार के
अपना अंतस को ही साथ लिए ही तुमलिए ही जिए जाओं जिन्दगी कहे मुस्कुरा के
अनुभूति

तेरी तलाश

निकला था तेरी तलाश में भटकता ही रहा हुआ जो सामना एक दिन आईने से , पता चला तू तो ,कूचा ए दिल में कब से बस रहा ................