निकला था तेरी तलाश में भटकता ही रहा
हुआ जो सामना एक दिन आईने से ,
पता चला तू तो ,कूचा ए दिल में कब से बस रहा ...............
अनुभूति
निकला था तेरी तलाश में भटकता ही रहा हुआ जो सामना एक दिन आईने से , पता चला तू तो ,कूचा ए दिल में कब से बस रहा ................
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